विश्व प्रसिद्घ धार्मिक गायक प्रवीण विक्की की अंतिम श्रद्धांजलि में उमड़ा जन सैलाब
गरुड़ पुराण का पाठ करते हुए पंडित जी
करतारपुर, 10-12-2023 (गुरिन्द्र कश्यप) – विश्व प्रसिद्ध धार्मिक गायक महंत प्रवीण विक्की की अंतिम रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि समारोह में विशाल जनसमूह ने शामिल होकर उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। करतारपुर के अजीत पैलेस में आयोजित रस्म पगड़ी में धार्मिक, समाजिक, संगीत और राजनतिक हस्तियों ने शामिल होकर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस द:ुखद घड़ी में गरुड़ पुराण का पाठ किया गया और बिछड़ी आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी की ओर से विशेष शोक प्रस्ताव भेजा गया और सुदर्शन जोशी ने प्रवीण विक्की को श्रद्धासुमन भेंट किए। करतारपुर के चौधरी परिवार की ओर से सुरिन्द्र चौधरी, एस.एस.पी. राजिन्द्र सिंह, गायक दविन्द्र दयालपुरी ने प्रवीण विक्की को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। इनके अतिरिक्त रिश्तेदार, दोस्त, संगीत जगत के साथी, कश्यप राजपूत समाज के विभिन्न साथियों ने श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पंजाबी कश्यप राजपूत वैल्फेयर सोसयाटी के पंजाब प्रधान अशोक स्नोत्रा, कश्यप क्रांति की मुख्य संपादक श्रीमति मीनाक्षी कश्यप, पहचान वैबसाइट के मालिक नरेन्द्र कश्यप, श्रीमति सुजाता बमोत्रा, इलाके के कौंसलर बाल कृष्ण बाली, वेद प्रकाश और बहुत से साथियों ने परिवार के साथ दु:ख सांझा किया और श्रद्धांजलि दी। स्वर्गीय प्रवीण विक्की के इकलौते बेटे रितेश रिक्की के सिर पर पिता की पगड़ी के साथ साथ दुर्गा भजन मंडली के महंत की पगड़ी भी रखी गई और उन्हें अपने पिता और दादा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कहा। इस अवसर पर दुर्गा भजन मंडली करतारपुर के प्रधान बाल कृष्ण बाली, प्रदीप धीर, विपन गोगा, रमेश कुमार (काला), सुदर्शन ओहरी ने रितेश रिक्की को अपना साथ देने का आश्वासन दिया।
रितेश रिक्की को दुर्गा भजन मंडली के महंत की पगड़ी पहनाते हुए
इससे पहले विश्व प्रसिद्घ धार्मिक गायक प्रवीण विक्की अपनी संसारिक यात्रा पूरी करते हुए 30 नवम्बर 2023 को स्वर्ग सिधार गए थे। करतारपुर में रहने वाले स्वर्गीय महन्त कृष्ण कुमार के बड़े बेटे प्रवीण विक्की ने 30-11-2023 को अपनी जिन्दगी के अंतिम सांस लिए और इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। इनको पिछले कुछ समय से दिल की बिमारी थी, जिसका इलाज चल रहा था। इनका अंतिम संस्कार करतारपुर के शिवपुरी में किया गया जहां हजारों नम आंखों ने उनको अंतिम विदाई दी। प्रवीण विक्की का अंतिम संस्कार उनके बेटे रितेश रिक्की ने किया।
प्रवीण विक्की बहुत ही मशूहर धार्मिक गायक थे। अपने पिता के साथ ही उन्होंने अपनी गायकी का सफर शुरु किया था। छोटी उम्र ही पिता के साथ मां भगवती के जागरण में भेंट गायन शुरु कर दिया था। उन्होंने माता की भेंटों की बहुत सी कैसेट निकाली हैं और जागरण के क्षेत्र में उनकी अपनी एक अलग पहचान थी। 25 नवम्बर 1970 को महन्त कृष्ण कुमार और श्रीमति कैलाश के घर में जन्मे प्रवीण विक्की नवम्बर महीने में ही 53 साल की अल्पायु में ही इस दुनिया को छोड़ कर मां भगवती के चरणों में विलीन हो गए। इनके परिवार में पीछे पत्नी श्रीमति कंचन, बेटा रितेश रिक्की और बेटी सांवल रह गए हैं। करतारपुुर में हर साल होने वाले महामाई के जागरण में इनकी पार्टी की ओर से ही मां भगवती का जागरण किया जाता था। श्री देवी तालाब मंदिर जालन्धर में इनके कई कार्यक्रम आयोजित होते थे जहां मां के दरबार में यह अपनी हाजरी लगवाते थे। प्रवीण विक्की एक बहुत ही अच्छे और मिलनसार इंसान थे। इनके चले जाने से जहां परिवार और रिश्तेदारों को बहुत बड़ा सदमा पहुंचा है वहीं संगीत जगत और समाज ने भी एक महान साथी खो दिया है जिसकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकेगी।