Leading Social, Religious & Industrialist Personality of Karnal Om Bhardwaj Lefts for Heaven on 27-12-2023

अपनी मेहनत से समाज में अलग पहचान बनाने वाले ओम भारद्वाज हुए पंचतत्व में विलीन

27 दिसम्बर को अपनी संसारिक यात्रा पूरी करते हुए प्रभु चरणों में लीन

स्वर्गीय ओम भारद्वाज को अंतिम यात्रा पर ले जाते हुए परिवारिक सदस्य

करनाल, 28 दिसम्बर 2023 (क.क.प.) – करनाल में डॉक्टर साहब के नाम से मशहूर, शहर के जाने-माने इंडस्ट्रीलिस्ट व समाज सेवक श्री ओम भारद्वाज अपनी संसारिक यात्रा पूरी करते हुए 27 दिसम्बर 2023 को स्वर्ग सिधार गए। नार्थ इंडिया लाइफ सांइसिका प्रा. लिमिटेड करनाल के संस्थापक और सी. एम.डी., कश्यप राजपूत पंजाबी वैल्फेयर सोसायटी के मुख्य संरक्षक, फमटी वंश मंदिर के सरप्रस्त और निर्माणकर्ता ओम भारद्वाज हमेशा के लिए इस दुनिया को छोडक़र चले गए हैं। जिसने भी यह खबर सुनी वह एकदम सुन्न हो गया कि हमारे समाज का नेता, गरीबों का हमदर्द, समाज सेवा में अग्रणी और जरूरतमंदों की मदद करने वाला यह इन्सान अब इस दुनिया में नहीं रहा।
28 दिसम्बर 2023 को ओम भारद्वाज का अंतिम संस्कार अर्जुन गेट करनाल के शिवपुरी धाम में किया गया। उनके बेटों अनूप भारद्वाज प्रधान आल हरियाणा ड्रगस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन व प्रधान कश्यप राजपूत पंजाबी वैल्फेयर सोसयटी और अवनीश भारद्वाज ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। ओम भारद्वाज के अंतिम संस्कार में रिश्तेदारों और दोस्तों के अलावा शहर के गण्य-मान्य व्यक्ति, फार्मा इंडस्ट्री के प्रतिनिधी व मालिक, बहुत से व्यापारिक, समाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संस्थाओं के बहुत से प्रतिनिधी शामिल हुए। कश्यप राजपूत पंजाबी वैल्फेयर सोसायटी के कार्यकारिणी सदस्यों में से श्याम सुंदर, श्मशेर सिंह गादड़ी, कर्ता राम कश्यप, जय भगवान कश्यप, जीत राम, प्रताप सिंह लुंज, जगमोहन आनंद मीडिया प्रभारी मुख्यमंत्री हरियाणा, दिल्ली के पूर्व मेयर अवतार सिंह सनोत्रा, अशोक अगगी डिप्टी मेयर करनाल, गुरदीप मेहरा शाहबाद और बहुत से समाज के साथी शामिल हुए। दु:ख की इस घड़ी में कश्यप राजपूत वैबसाइट, कश्यप क्रांति पत्रिका व समूह कश्यप समाज अपने इस महान और समाज सेवी नेता को अंतिम विदाई देता है। उनकी असमय मौत ने परिवार के साथ साथ हमारे समाज से भी एक महान नेता और साथी छीन लिया है जिसकी कमी कभी भी पूरी नहीं की जा सकेगी।
ओम भारद्वाज अपने पिता स्वर्गीय श्री बंसी लाल और माता स्वर्गीय श्रीमति पुष्पावंती के परिवार में सात बच्चों में सबसे बड़े बेटे हैं। इनका जन्म हरियाणा के सफीदों में 4 सितंबर 1948 को हुआ। वैद्य सोहन लाल इनके दादा थे, जो पाकिस्तान के कुंजा कस्बे, जिला लाहौर से 1947 में देश विभाजन के समय पहले अंबाला पहुंचे और फिर सफीदों आकर बस गए। इनकी दादी श्रीमति राम रक्खी स्कूल में अध्यापिका थी जो बंटवारे के बाद पहले कोटगढ़ में पढ़ाते थे, फिर 1952 में इनकी बदली कोटखाई में हो गई। इनके पिता बंसी लाल जी ने अपने समय में मैट्रिक पास की हुई थी। आजादी से पहले कुंजा कस्बे में इनका अच्छा परिवार था, लेकिन देश के बंटवारे ने सब कुछ खत्म कर दिया और फिर एक नई शुरुआत करनी पड़ी। इनके पिता एक धेली (पच्चास पैसे) जेब में लेकर सफीदों पहुंचे थे। जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने के लिए बाकी सभी की तरह इन्होंने भी नए सिरे से मेहनत की। आज इन्होंने अपनी मेहनत और बेटों के साथ मिलकर करनाल में आयुर्वेदिक दवाईयां बनाने की कई फैक्ट्रीयां लगाई हैं जिनसे बहुत से परिवारों को रोजगार मिला हुआ है। ओम भारद्वाज नाम है उस शख्शियत का जिसने अपनी मेहनत और हिम्मत से एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया और समाज में अपनी एक अलग पहचान कायम की। बस में गोलियां बेचने से लेकर नार्थ इंडिया लाइफ सांइसिका प्रा. लिमिटेड कंपनी को बनाने में इनकी अनथक मेहनत, लगन और सोच ने इनको अलग पहचान दी।

परिवार – ओम भारद्वाज की शादी लुधियाना के श्री जीवन मल्ल और श्रीमति सुहागवंती की लाडली राज के साथ 22-11-1972 को हुई। मां भगवती ने घर में बेटे अनूप भारद्वाज, अवनीश भारद्वाज और बेटी नेहा भारद्वाज तीन बच्चों की किलकारियों से घर को भर दिया। बड़े बेटे अनूप भारद्वाज की शादी दिल्ली की रेनू के साथ हुई है और इनके दो बेटे रवील भारद्वाज और लोहिल भारद्वाज अपने दादा-दादी के दुलारे हैं। छोटे बेटे अवनीश भारद्वाज की शादी अमृतसर की रिशम के साथ हुई है और इनके भी दो बेटे आरयो भारद्वाज और अरीन भारद्वाज परिवार के दो लाडले हैं। बेटी नेहा की शादी जालन्धर के रहने वाले डाक्टर अर्शदीप सिंह के साथ हुई है जो पंजाब में कश्यप समाज से पहले सर्जन हैं। इनके घर में एक बेटी और एक बेटा परिवार की रौनक हैं। डा. अर्शदीप सिंह इस समय करनाल में अपने अस्पताल में लोगों की सेवा कर रहे हैं। पिछले साल इन्होंने 22 नवम्बर 2022 को अपने विवाह की गोल्डन जुबली बहुत ही धूमधाम के साथ मनाई थी।

समाज सेवा – देवी नगर अंबाला में जहां कश्यप समाज के 43 वंशों के मंदिर बने हुए हैं, वहां बनी हुई कश्यप राजपूत पंजाबी वैल्फेयर सोसायटी के वह मुख्य संरक्षक थे। 2022 के वार्षिक मेले में इन्होंने वहां पहली बार राज्य के किसी मुख्यमंत्री को वहां मुख्यातिथी बनाया। इनकी छत्रछाया में ही इनके बेटे अनूप भारद्वाज इस संस्था के अध्यक्ष बने और वहां बहुत से नए कार्य किए। इनके सहयोग से ही वहां संस्था के लिए दफ्तर का निर्माण हुआ। इन्होंने ही वहां फमटी वंश का मंदिर बनवाया और 25 नवंबर 2022 को मूर्ति स्थापना की। इस वर्ष 30 अप्रैल 2023 को जालन्धर में कश्यप समाज के परिवार सम्मेलन में इनकी अध्यक्षता में ही इनके बेटे अनूप भारद्वाज मुख्य मेहमान बने और इन्होंने सम्मेलन की प्रधानगी की। समाजिक कार्यक्रमों में वह हमेशा अग्रणी रहते थे और बढ़ चढ़ कर सहयोग भी करते थे।

पिता के अंतिम दर्शन करते हुए बेटा अनूप भारद्वाज, अवनीश भारद्वाज व उनके बच्चे

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