Veteran Athlete Maan Kaur Lefts For Heaven at the age on 105

पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाली 105 साल की बीबी मान कौर पंच तत्व में विलीन

चंडीगढ़ के सैक्टर 25 में बेटे गुरदेव सिंह ने किया अंतिम संस्कार

मान कौर को अंतिम श्रद्धांजलि भेंट करते हुए

चंडीगढ़, 1-8-2021 (क.क.प.) – राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित, देश का मान बढ़ाने वाली इंटरनैश्नल मास्टर एथलीट माता मान कौर का अंतिम संस्कार आज दोपहर चंडीगढ़ के 25 सैक्टर में किया गया। खेल के मैदान में किए गए अपने प्रदर्शन के कारण मान कौर आज की युवा पीढ़ी के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा थी। 105 साल की माता मान कौर का देहांत कल 31 जुलाई को डेरा बस्सी के शुद्धि आयुर्वेदा पंचकर्मा अस्पताल में हुआ जहां उनका इलाज चल रहा था। देश-विदेश में मशहूर, युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनने वाली माता मान कौर जी पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थी। उनके बेटे और कोच गुरदेव सिंह ने कल दोपहर एक बजे अचानक उनके निधन की जानकारी दी थी।
आज परिवार सदस्यों और गण्य-मान्य हस्तियों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर अमर शहीद बाबा मोती राम मेहरा मैमोरियल चैरीटेबल ट्रस्ट (रजि.) फतेहगढ़ साहब के सीनीयर वाइस चेयरमैन जय कृष्ण कश्यप, बलबीर सिंह बब्बू, बनारसी दास, द चंडीगढ़ कश्यप राजपूत सभा के चेयरमैन एन.आर.मेहरा अपनी टीम के साथ, चंडीगढ़ कश्यप राजपूत सभा के पूर्व प्रधान स. बलजीत सिंह कखारू के पुत्र मुख्तियार सिंह और उनकी पत्नी व माता मान कौर की पौत्री अमरजीत कौर, श.अ.द. के सीनीयर नेता डा. दलजीत सिंह चीमा और परिवार के सदस्य मौजूद थे। उनकी पड़दोती अमनप्रीत कौर ने दु:ख व्यक्त किया कि उनकी पडऩानी को आज सरकारी तौर पर सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन नहीं मिला।
माता मान कौर – माता मान कौर को आम तौर बीबी मान कौर के नाम से जाना जाता है। इन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग अलग स्पोर्टस में 35 से ज्यादा मेडल जीते हैं। वे लगातार अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में मेडल जीत कर अपने देश और प्रदेश का नाम रोशन करती रही हैं। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए पिछले साल महिला दिवस वाले दिन 8 मार्च को उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति भवन में जिस फुर्ती के साथ मान कौर सम्मान लेने के लिए पहुंची थीं, उसे देखकर स्वयं राष्ट्रपति जी भी हैरान रह गए थे। नारी शक्ति पुरस्कार मिलने के बाद शाम को जब मान कौर देश के श्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलीं तो वह हाथ जोडक़र नतमस्तक हो गए।
93 साल की उम्र में शुरु किया खेलों का सफर – जिस उम्र में लोग बिस्तर पर पड़े हुए किसी दूसरे के सहारे का इंतजार करते हैं, उस 93 साल की उम्र में मान कौर ने दौडऩा शुरु किया था। उनके बेटे और कोच गुरदेव सिंह ने अपनी माता की सेहत और फुर्ती को देखते हुए उन्हें मास्टर्स दौड़ में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। मान कौर के बेेटे गुरदेव सिंह ने मास्टर्स एथलेक्टिस में कई मेडल जीते हैं। कोविड-19 से पहले तक वह लगातार अंतरराष्ट्रीय मास्टर एथलेक्टिस में हिस्सा लेती रही हैं। अपनी फिटनेस और फुर्ती के कारण वह आज की नौजवान पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बनी हुई थी।

बेटे गुरदेव सिंह और परिवार के साथ दु:ख प्रगट करते हुए रिश्तेदार व अन्य

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