Gadri Vansh Jathere

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जय बाबा झंगड़ शहीद जी व जय भोली सत्यवती

गादड़ी वंश के रीति-रिवाज

बच्चों के जन्म के रीति-रिवाज – लडक़ा हो तो पांच दिन नीचे सोना है। पांचवे दिन 5 ढेरियां करके प्रसाद की देनी हैं। एक ढेरी पहले गवाले की जरूर निकालनी है।
13 दिन बाद धमान करना व धमान के 7 अंजारण बनाने हैं। सात-सात पूडिय़ां या रोटियां अंजारण मनसने हैं। जो कपड़ा बड़ों को पहनाना है वह भी मनसना है व बेरी की डाली लगानी है। गाय का गोबर व पोचा भी गोबर का लगाना है।
बच्चों के मुण्डन के रीति-रिवाज – अगर बच्चे के मुण्डन करने हों तो 14 अंजारण धमान के बनने हैं। पहले मुण्डन कर लो फिर उस्तरा लगाना है। काला व नीला कपड़ा नहीं पाना है। कांच की चूड़ीयां नहीं पहननी व काला परांदा नहीं पाना है।
विवाह-शादी पर रीति-रिवाज – शादी में 14 अंजारण 7-7 पूडिय़ों के मनसने हैं। गवाले का अंजारण सबसे पहले निकालना है। फिर धयानीयां व बहुओं का निकालना है। एक एक अंजारन लड़कियों व बड़ों का निकालना है। बाकी पंडितों और शरीकों का अंजारण निकालना है।
भैंस या गाय घर में हो तो उसका दूध पहले चो कर कोरी चाटी में डालना है। सात दिन तक सुच्चा दूध डालना है, पीना नहीं है। बड़ों की पांच ढेरियां मनस कर बड़ों का नाम लेकर खाओ। सात दिनों का घी सुच्चा रखना है। जूठा बिल्कुल नहीं करना है। घी का सातवें दिन प्रसाद बनाकर और सुबह दूध की खीर बनाकर मनस कर बेटी आदि को देना है। अपने घर का दूध, लस्सी, घी सिर में नहीं लगाना है। रीतों के 14 अंजारण (7-7 पूडिय़ों के) बना कर मनस कर बांटने हैं। माथा टेक कर बांटने हैं। अगर घी ज्यादा है तो सारे घी का प्रसान नहीं बनाना है। घी ज्योति के लिए निकाल लो। जो नव ब्याही बहू आए उसकी मेंहदी, मौली आदि मनस लें।
नोट :
1. औरतें काला परांदा न डालें व काले कपड़े न पहनें। आदमी काले कपड़े या काली टोपी न पहनें।
2. कांच की चूडिय़ां न पहनें।
3. घर में अगर गाय, भैंस या बकरी रखी हो तो उसकी लस्सी, दूध या घी सिर पर नहीं लगाना चाहिए। गाय या भैंस का बच्चा हो तो 7 दिन दूध सुच्चा रखना है। उस दूध में से रोजाना 1 किलो दूध सुच्चा रख लो और बाकी दूध बछड़े को पिला दो। जो सुच्चा दूध 7 दिन इक्ट्ठे हो उसका घी जोत के लिए तैयार कर लें या बाबा झंगड़ शहीद और भोली सत्यवती के प्रसाद के लिए तैयार करें।
4. मंगलवार को कोई विवाह-शादी न करें, नया समान न खरीदें और न ही कोई नया काम करें।
5. मंगलवार को घर में कपड़े न धोयें और न ही मंगलवार को सिर पर साबुन लगाएं।
6. विवाह-शादी के बाद देवी नगर आ कर बड़ों के 7 फेरे अवश्य लें और बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
निवेदक – मन्दिर देवी नगर, अंबाला शहर